चीन का मुकाबला करने के लिए अमेरिका ने बनाई एक टास्क फोर्स
वाशिंगटन । एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन से को सबक सिखाने की मंशा के चलते यूक्रेन को सैन्य हार्डवेयर दान करने वाले देशों के शस्त्रागार को फिर से भरने के लिए पेंटागन ने मित्र देशों को अमेरिकी हथियारों की बिक्री में तेजी लाने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है। पेंटागन ने अन्य देशों को महंगे अमेरिकी हथियारों की बिक्री में लगातार अक्षमताओं को देखने के लिए पिछले महीने वरिष्ठ अधिकारियों की एक टास्क फोर्स की स्थापना की। डेटाबेस के अनुसार, देश ने एक दशक तक शीर्ष हथियार निर्यातक के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है, चीन अब उसे पकड़ने की कोशिश कर रहा है।
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी के अनुसार, ‘टाइगर टीम’ टास्क फोर्स रक्षा विभाग के लिए कार्यक्रम के विशिष्ट पहलुओं को कारगर बनाने के तरीकों की जांच करेगी ताकि अत्यधिक वांछित अमेरिकी ड्रोन, हथियार, हेलीकॉप्टर, टैंक और अन्य उपकरणों को भागीदारों और सहयोगियों को जल्दी से स्थानांतरित किया जा सके। दूसरे देशों को अधिकांश हथियारों की बिक्री से संबंधित सौदा पेंटागन द्वारा किया जाता है। स्टेट डिपार्टमेंट इसकी निगरानी करता है और अमेरिकी प्रभाव का विस्तार करने के लिए अपनी विदेश नीति में एक उपकरण के रूप में वार्षिक हथियारों की बिक्री में 45 बिलियन का उपयोग करता है। अमेरिकी कांग्रेस अंततः सभी विदेशी सैन्य खरीद को मंजूरी देती है।
अमेरिकी हथियारों की खरीद के लिए रुचि दिखाने वाले देशों के साथ काम करने वाले अधिकारियों को उनके अनुरोधों को तैयार करने में सहायता करनी होगी, जिससे किसी भी तरह की नीतिगत या सुरक्षा संबंधी बाधाओं को सौदे की प्रक्रिया से हटाया जा सके। इन अमेरिकी अधिकारियों को हथियार खरीदने वाले देशों के साथ प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाने और डिलीवरी में तेजी लाने का काम सौंपा जाएगा।
अमेरिका के विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम की अक्सर सुस्त होने के लिए आलोचना की जाती है। उदाहरण के तौर पर, 2021 के लिए एफएमएस लेनदेन मूल्य 34.8 बिलियन डॉलर था, जो वित्त वर्ष 2020 से 31 फीसदी कम था, जब कुल एफएमएस मूल्य 50.8 बिलियन डॉलर था। 2021 के आंकड़े 2016 के बाद से सबसे कम एफएमएस बिक्री को चिह्नित करते हैं।
किसी देश को ‘संवेदनशील तकनीक’ के हस्तानांतरण की चिंताओं के कारण विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम में देरी हो सकती है। इसका मुकाबला करने के लिए, अमेरिकी अधिकारी अब यह निर्धारित करने के लिए किसी देश की सेना की जांच करेंगे कि क्या उसके पास मशीनरी चलाने के लिए आवश्यक कर्मी और सुरक्षा उपाय मौजूद हैं। चूंकि चीन एक हथियार निर्यातक के रूप में उभर रहा है और अमेरिकी प्रभाव को चुनौती दे रहा है, इसलिए पेंटागन अपनी बिक्री प्रक्रिया को मजबूत और तेज करने पर ध्यान केंद्रीत कर रहा है।