अब और ज्यादा मारक क्षमता वाला बनेगा राफेल!
न्यूयॉर्क । न्यूयॉर्क में भारत-यूएई-फ्रांस के विदेश मंत्रियों की एक त्रिपक्षीय बैठक में राफेल लड़ाकू जेट, वैश्विक मुद्दों, नवाचार और पीपुल टू पीपुल रिलेशन पर विशेष ध्यान देने के साथ ही रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया। इस त्रिपक्षीय रणनीतिक साझेदारी में राफेल लड़ाकू जेट एक समान चीज है। क्योंकि भारत और यूएई दोनों ने फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीदे हैं। तीनों देश एक त्रिपक्षीय राफेल फोरम बनाने के इच्छुक हैं और भारत इस फोरम में अहम भूमिका निभाएगा। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक जहां भारत दक्षिण एशिया में फ्रांस का एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार है, वहीं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पश्चिम एशिया में फ्रांस का एक प्रमुख भागीदार है। भारत और संयुक्त अरब अमीरात की साझेदारी में भी पिछले कुछ साल में बड़ा बदलाव आया है। दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी ने इन संबंधों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में बैठक के बाद ट्वीट किया कि भारत-यूएई-फ्रांस की एक प्रोडक्टिव पहली त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक णनीतिक भागीदारों और यूएनएससी सदस्यों के बीच विचारों का सक्रिय आदान-प्रदान’
भारत-यूएई-फ्रांस के एक-दूसरे के साथ बहुत सहज संबंध हैं और ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां संभावित रूप से वे अधिक समन्वित तरीके से काम कर सकते हैं। जुलाई में भारत-यूएई-फ्रांस ने समुद्री सुरक्षा, ब्लू इकोनॉमी, क्षेत्रीय संपर्क, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा सहित इंडो-पैसिफिक इलाके में संभावित सहयोग का पता लगाने के लिए आधिकारिक स्तर पर अपनी पहली त्रिपक्षीय बैठक का आयोजन किया था। इसके साथ ही इस बैठक में नवाचार, स्टार्टअप, सप्लाई चेन में लचीलेपन, सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने सहित कई मुद्दों पर सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर चर्चा की गई। तीनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में त्रिपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए उठाए जाने वाले अगले कदमों पर भी चर्चा की।