चीन और ताइवान के तनाव के बीच अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ताइवान पहुंचा
ताइपे । ताइवान के साथ तनाव के बीच पिछले महीने अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी द्वारा ताइपे की यात्रा की थी। स्व-शासित द्वीप चीन के दावों को लेकर भी तनाव बना रहता है। इस बीच बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भी ताइवान पहुंच गया है। अगस्त की शुरुआत में पेलोसी के दौरे के बाद से ही चीन ने ताइवान के खिलाफ मिलिट्री ड्रिल्स को तेज कर दिया है। युद्धपोतों, युद्धक विमानों और यहां तक कि ड्रोन को भी चीन ताइवान की ओर प्रतिदिन भेज रहा है।
मीडिया की खबरों के अनुसार पेलोसी के दौरे के बाद ताइवान के अधिकारियों से मिलने के लिए अमेरिकी कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंचा है। आठ सदस्यीय इस द्वि-दलीय प्रतिनिधिमंडल का गुरुवार को ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन से मिलने का कार्यक्रम है। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डेमोक्रेट स्टेफनी मर्फी द्वारा किया जा रहा है। मर्फी उन सांसदों में से हैं, जिन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में एक बिल पेश किया है, जो यूएस को ताइवान का समर्थन करने के लिए हथियार उधार देने की अनुमति देगा। यह उसी बिल के समान है, जो यूक्रेन को हथियार उधार देने के लिए पारित किया गया था।
प्रतिनिधिमंडल में हवाई डेमोक्रेट कैयाली काहेले और फ्लोरिडा के रिपब्लिकन स्कॉट फ्रैंकलिन, दक्षिण कैरोलिना के जो विल्सन, केंटकी के एंडी बर्र, कैलिफोर्निया के डेरेल इस्सा, न्यूयॉर्क के क्लाउडिया टेनी और फ्लोरिडा के कैट कैमैक हैं। गौरतलब है कि पेलोसी 25 सालों में ताइवान की यात्रा करने वाली अमेरिकी सरकार के सर्वोच्च स्तर की सदस्य थीं। चीन ने विस्तारित सैन्य अभ्यास आयोजित करके इसका जवाब दिया, जिसमें मिसाइलें दागना और ताइवान जलडमरूमध्य में जहाजों को भेजना शामिल था। ताइवान स्ट्रेट दोनों पक्षों के बीच लंबे समय तक बफर जोन था। मालूम हो कि चीन, ताइवान की यात्रा करने वाले विदेशी राजनयिकों को अपने मामलों में हस्तक्षेप और ताइवान की संप्रभुता के खिलाफ देखता है। चीन के हालिया सैन्य अभ्यास को कुछ लोगों ने ताइवान के खिलाफ भविष्य की सैन्य कार्रवाई के पूर्वाभ्यास के रूप में देखा है।